मदद
जब कभी हम परेशानी में होते है या फिर किसी दुविधा मे होते है , तो हम अक्सर ये कहते है कि "कोई मेरी मदद नहीं कर रहा , काश कोई मेरी मदद कर दे "।
अक्सर ऐसे समय में हम इन वाक्यों का प्रयोग करते है। मगर क्या सही में कोई हमारी मदद कर सकता है।
मुझे ऐसा नहीं लगता कि कोई हमारी मदद कर सकता है। अगर कोई है जो तुम्हारी मदद कर सकता है , तो वो तुम खुद हो और कोई नहीं। जिंदगी में तुम्हे अच्छे से तुम्हारे सिवा कोई और नहीं समझ सकता ,कोई जान नहीं सकता । क्या कोई ये जानता है की तुम्हारे मन में क्या है या तुम क्या चाहते हो। ये जानते हुए भी हम उन लोगो से मदद मांगते है जो हकीकत मे हमे जानते ही नहीं हे उन्हें ये तक पता नहीं कि हम चाहते क्या हे।
जब अपने भविष्ये का फैसला लेना होता है तो भी हम दूसरो से पूछते है। और वो बाद में हमसे ही कहता है भाई तेरा जो मन है , तू जो करना चाहता है वो कर। तो बताओ तुम्हारी मदद तुम खुद कर सकते हो या वो जो तुम्हे जानता ही नहीं ।
हा लोग तुम्हारा साथ जरूर दे सकते है , तुम्हारे साथ खड़े हो सकते है, वो तुम्हे सहानुभूति , हौसला दे सकते है। पर याद रखना जब कोई तुम्हारे आस पास नहीं होगा, तो एक शख्स होगा जो तुम्हारा साथ देगा हर कदम पर। तब भी जब सब आपका साथ छोड़ देंगे। वो कही बाहर नहीं है , यही है तुम्हारे अंदर बस उसे पहचानने की देर है। वही है जो हमेशा तुम्हारे साथ होगा, वो जो हमेशा तुम्हारी मदद करेगा। पर इस भीड़ से भरी दुनिया में तुम्हे वो दिखायी नहीं देगा। तुम्हे ढूढ़ना है उसे। जिस दिन भी तुम्हे वो मिल गया ना फिर तुम्हे किसी की मदद की जरूरत नहीं होगी।
क्या ढूढ़ना हे ? ये सवाल जरूर आया होगा आपके मन में।
खुद को ढूढ़ना है , आपके अंदर की आवाज को ढूढ़ना है , जो शायद इस भीड़ में कही खो गयी है। ढूंढ़ना है उस खमोशी की आवाज को।
जिस दिन तुम्हे अपने अंदर की आवाज सुनाई दे जाएगी ना उस दिन तुम्हे किसी से मदद मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वो कहते है ना,
भगवान भी उन्ही की मदद करते है, जो स्वयं अपनी मदद करते है।
तो आज से दूसरो से मदद मांगना बंद करो और अपने अंदर के उस शख्स को ढूंढो।